बौद्धिक शिक्षा हमारे दिमाग पर असर डालती है और जबकि नैतिक शिक्षा हमारे मन को प्रभावित करती है यदि शिक्षा मन को ट्रेनिंग नहीं देती है तो वह खतरनाक हो सकती है अगर हम अपने ऑफिस घर और समाज में लोगों के चरित्र का निर्माण करना चाहते हैं तो हमें उन्हें एक स्तर तक नैतिक शिक्षा देनी ही होगी ईमानदारी दया साहस दृढ़ता और जिम्मेदारी जैसे बुनियादी गुण विकसित करने वाली शिक्षा बेहद जरूरी है हमें ज्यादा अक्षर शिक्षा की जरूरत नहीं बल्कि चरित्र बनाने वाली शिक्षा की है नैतिक स्तर पर शिक्षित आदमी जिंदगी में उस आदमी की तुलना में ज्यादा कामयाबी और तरक्की हासिल कर सकता है जिसे ज्यादा अच्छी शिक्षा मिली हो पर जिसके पास नैतिकता की पूंजी बिल्कुल ना हो बिना मूल्यों के दिमाग की शिक्षा समाज के लिए आफत पैदा करती है तो आइए सीखने के सही तरीके को सीखें
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