तीन ताल के 61वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
- तीन ताल क्यों वर्णन या विस्तार नहीं, घटना है. सरदार ने किया ‘ऑफ़-माइक तीन ताल’ का उद्घाटन.
- ताऊ को सुबह-सुबह याद आए दुष्यंत, कचौरी और आलू चना.
- सैनिक की ज़िंदगी ज़्यादा महत्वपूर्ण क्यों. कौन सा सूत्र दक्षिण और उत्तर भारत को जोड़ता है.
- टोपी पर छिड़ा गीत युद्ध. भाजपा और सपा के संगीत चुनाव में फ़र्क़ क्या.
- सपा के साथ 'क्रांतिकारी' शब्द जोड़ना तमगा है या आरोप? टोपी पहनाने का ट्रेंड कब से शुरू हुआ.
- टोपियों का कल्चरल और पॉलिटिकल पहलू. क्या ह्यूमन सभ्यता का ‘हैडएक’ हैं टोपियाँ? बाबा की फेवरेट टोपियों की सूची और ताऊ ने क्यों किया टोपियों का बहिष्कार.
- मोबाइल रिचार्ज की लोकतांत्रिक दुनिया. पहले और के अब के रिचार्ज में अंतर. कॉल से निकल कर कौल ओ क़रार की यात्रा.
- बॉब बिस्वास क्यों देखना चाहिए. ताऊ किन दो चीज़ों को हमेशा गरियाते हैं. होम्योपैथी को ताऊ धर्म क्यों मानते हैं.
- और तीन तालियों की चिट्ठियों के बहाने कुछ वेब सीरीज और फिल्मों पर बात. ताऊ ने क्यों कहा कि इस देश में जीना एक एडवेंचर है.
- नरेंद्र मोदी की निर्भीकता पर बतरस.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी
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