मध्य प्रदेश के तीन इलाकों से हिंसा की खबरें सामने आईं. ये इलाके ज्यादातर वो हैं, जहां मुस्लिम आबादी रहती है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर हिंसा की चिंगारी को कैसे और किसने हवा देने का काम किया. उज्जैन के मुस्लिम बहुल इलाके बेगम बाग में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कुछ कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली और इलाके के लोगों का आरोप है कि उन्होंने आपत्तिजनक नारे लगाए और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया. जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हुई और इसने हिंसक झड़प का रूप ले लिया.
लेकिन इस घटना को राज्य सरकार ने जिस तरीके से लिया है, उससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कामकाज के तरीके पर सवाल उठने लगे हैं. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की तर्ज पर शिवराज सिंह ने भी कहा है कि अब पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से ही इसकी कीमत वसूली जाएगी. इसके लिए अलग से कानून बनाने की भी बात कही गई है.
एक लाइन में खबर बताएं तो हिंसा के जवाब में जिस जगह हिंसा हुई, वहां शिवराज सिंह चौहान सरकार ने डेमोलिशन ड्राइव चला दी. एक घर गिराया और एक दूसरे घर को भी खस्ता हाल कर दिया. अब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिन्हे एक मॉडरेट नेता माना जाता था, जिनके सत्ता में होने से अल्पसंख्यक समुदाय को कोई खतरा कभी महसूस नहीं हुआ, उनके तेवर अचानक इतने बदले-बदले नजर आ रहे हैं. लव-जिहाद पर कड़ा रुख हो या फिर हाल के बयानों में सख्ती, क्या चौहान अपनी लिबरल और मॉडरेट इमेज जान बूझ कर बदलना चाह रहे हैं? अगर हाँ तो क्यों? इसी पर आज तफ्सील से बात करें.
रिपोर्ट और साउंड एडिटर: फबेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज
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