तीन ताल के 89वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-आधारकार्ड से बेहतर क्यों है विक्टिमकार्ड? ताऊ ने क्यों 'लोकतंत्र' को लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं कहा.
-उद्धव ठाकरे के कन्फ्यूजन की वजह. भारतीय लोकतंत्र में 'ठोकतंत्र' की शुरुआत कब से हुई?
-ताऊ ने शेर, बकरे और भेड़ के सहारे महाराष्ट्र की एक कहानी सुनाई. क्यों राष्ट्रीय राजनीति में सिर्फ़ लालू यादव के पास बारगेनिंग पॉवर?
-बहरेपन पर आई फ्रांस की एक स्टडी के बहाने भारतीय समाज के लाउडनेस पर बात. 'बहरा समाज' किसके लिए वरदान और किस के लिए अभिशाप?
-बहरा और 'सुन बहरा' का फ़र्क़. बाबा को हेडफोन से क्यों चिढ़ और ताऊ की हेडफोन से दूरी बनाने की सलाह.
-सुनने की शक्ति हासिल करने के टिप्स. ताऊ किसे बोलते थे कान साफ करवाओ? ऊंचा सुनने वालों पर हंसे या नहीं?
-इमरजेंसी होता है या मर्जेन्सी? इमरजेंसी के लौकिक अर्थ पर बात. थोड़ी देर मतलब कितनी देर होता है? बाबा ने क्यों फेसबुक पर लिखने से मना किया.
-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाओं के बहाने मम्मी की कुटाई के किस्से.
प्रड्यूसर - शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग - अमृत रज़ी.
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