तीन ताल के 91वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
- 91 को देखकर बाबा को क्या याद आता है, 1991 में बाबा कहाँ थे
- 91 के कीवर्ड्स, खाड़ी युद्ध की बातें और मिसाइलों को ब्रह्मास्त्र मानते लोग
- 91 का उदारीकरण और इसका तिपहिया वाहन
- उदारीकरण के बाद कैसे सरस्वती और लक्ष्मी साथ साथ चलने लगी
- प्री-उदारीकरण के बंधन और अमेरिका को क्यों माना जाता था विलेन
- राजीव गाँधी की हत्या के बाद सियासत में आने से क्यों कतरा रहा था गांधी परिवार
- प्राइवेटाइजेशन को लेकर लोग असहज क्यों होते हैं और सरकारी नौकरियों की तरफ क्यों भागते हैं
- सरकार को लेकर ताऊ की किस बात से असहमत हुए बाबा
- पूंजीवाद और समाजवाद की ज़ंजीर और अमेरिकन इकोनॉमी मॉडल पर ताऊ और बाबा के विचार
- मारकिन कपड़े का माहात्म्य और ताऊ का अमेरिका प्रेम
- बाबा ने भारत को 'जमूरे मदारी में फंसा देश' क्यों बताया
- रोचक सेल्समैन, आयोजनों के विदूषक और अखाड़े के टिटिहरी
- बार्गेन का आर्ट, ह्यूमर और ख़ुशी ख़ुशी जाओ वाला भाव
- मॉल कल्चर के सेल ऑफर में बार्गेनिंग का बदला स्वरूप
- ताऊ ने क्यों कहा कि दूसरे को हँसाना मनुष्य का उद्देश्य है
- 'प्रिंसेस ऑफ़ टिकारी' के साथ ताऊ का एक्सपेरिमेंट और मुस्कुरा के बेचे गए प्रॉमिस
- सूंघ कर पता लगाने वाले सेल्समैन और चूड़ी बेचने वालों का ट्रैप
- चांदनी चौक के दुकानों की कहानी, बाबा की ज़ुबानी
- प्रेमिका की सलाह पर उसकी मांग भरकर पिटने वाले युवक की नादानी, ताऊ के मित्र के पकड़ौआ विवाह की कहानी और हरनौत के लोगों का पानी
- संसद से बंदर भगाने के लिए लंगूर की आवाज़ निकालने वाले लोग और एक फिल्म रेकमेंडेशन
- बंदरों को भांग वाली रोटी क्यों खिलाते थे ताऊ और उससे पैदा हुए हास्य
- लंगूरों की दबंगई, एक बच्ची को उठा ले जाने वाले लंगूर की घटना और उसका ताऊ के ऊपर असर
- और तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाएं.
प्रड्यूसर - शुभम तिवारी & कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत
view more