बहुत समय से दशरथ राम से बिछड़ने के दुःख में बेचैन थे। उन्हें बार-बार उन बूढ़े और अंधे दाम्पत्य का शाप याद आ रहा था जिनके बेटे को दशरथ ने अनजाने में मारा था। उन्हें ये आभास होने लगा कि अब उनकी मृत्यु दूर नहीं। पूरी रात वह कौशल्या का हाथ पकड़ कर राम को याद करते रहे। अगली सुबह जब रीती-रिवाज अनुसार राजा दशरथ को उठाया गया तब क्या हुआ? सुमित्रा और कौशल्या दशरथ के निधन के समय किस हाल में थे? और राजा के मरने का समाचार पूरी अयोध्या में कैसे फैला आइए सुनते हैं इस episode में।
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