भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पिछले करीब दो महीने से जारी बातचीत के बाद एक बार फिर चीन की तरफ से एलएसी पार करने की कोशिश की गई. पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के नजदीक चीनी सैनिक पूरी तैयारी से घुसपैठ करने के लिए आए थे, लेकिन भारतीय जवानों ने दीवार बनकर एक बार फिर उनका रास्ता रोक लिया और चीनी सेना अपने मंसूबों में नाकाम रही. 29 अगस्त की रात हुई इस घुसपैठ की कोशिश के बाद भी चीनी सेना ने 31 अगस्त को भी ऐसी ही हरकत करने की कोशिश की, जिसे फिर भारतीय सेना ने नाकाम किया. लेकिन इस नए डेवलपमेंट की खास बात ये है कि पैंगोंग त्सो के साउथ एरिया पर कभी कोई तनाव नहीं होने की वजह से वहां आर्मी कभी भी तैनात नहीं रही.
लेकिन अब भारत ने उस पूरे इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है. इस इलाके में अब स्पेशल फ्रंटियर फोर्स तैनाती कर दी गई है. जिन्हे 'विकास बटालियन' भी कहा जाता है.
अब ये स्पेशल फ्रंटियर फोर्स क्या हैं, इनका महत्व क्या होता है, और ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि इस स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के इस्तेमाल से चीन को ज़ोर का झटका धीरे से लगेगा? आज इस पॉडकॉटस में सुनिए इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट, आदित्य राज कॉल को. और साथ ही सुनिए स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के बारे में नई दिल्ली के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के डिस्टिंगुइश्ड फेलो, मनोज जोशी को.
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