सामाजिक और राजनीतिक नजरिए से बच्चों के लिए अहम माने जाने वाले नेशनलिस्म, सेक्युलरिस्म, सिटीजनशिप, डेमोक्रेटिक राइट्स जैसे विषय अब स्कूलों में नहीं पढ़ाए जाएंगे.
देश के सबसे नामी-गिरामी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई ने ये बड़ा फैसला किया है. दलील दी गई है कि कोविड महामारी के इस वक्त में जब स्कूल वक्त पर खुल नहीं रहे और पढ़ाई को लेकर बच्चे दिक्कतें झेल रहे हैं तो ये कदम बच्चों पर स्कूली कोर्स का बोझ कम करेगा. लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं की बच्चों के बोझ कम करने के बहाने एक किस्म की पोलिटिकल आइडियोलॉजी को सूट करता हुआ ये कदम उठाया गया है.
आज पॉडकास्ट में एक्सपर्ट्स से जानेंगे कि इन टॉपिक्स के सिलेबस से हटने का मतलब क्या है? और क्या ये पहली बार हुआ है जब किसी एजुकेशन बोर्ड के फैसले को पोलिटिकल एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है?
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