कोविड के इलाज के लिए तीन दवाईयों के बारे में अलग-अलग स्टेजेस पर कामयाब होने की बातें सामने आ रही हैं. ये ड्रग्स हैं 'डेक्सामीथसोन', और एंटी वायरल दवाएं 'फाविपिरवियर' और 'रेमडेसिवियर'. इन दोनों एंटी वाइरल दवाईयों मेइओन से एक को भारत में लांच किया जा चुका है, और दूसरी के लांच को अप्रूवल मिल चुका है, लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये गेम चेंजर नहीं है.
इस एंटीवायरल दवा को जापान में इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए 2014 से मंजूरी मिली हुई है. लेकिन COVID-19 के मामलों में ये कितनी कारगर है, ये समझने के लिए इस पर अभी दुनिया भर में कम से कम 18 ट्रायल्स चल रहे हैं.
दूसरी एंटीवाइरल दवा रेमडेसिविर को भारत में गंभीर COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए 'प्रतिबंधित आपातकालीन इस्तेमाल' की मंजूरी दी गई है. ये दवा हॉस्पिटल में एडमिट कोरोना के उन मरीजों या संदिग्ध मरीजों को दी जा सकेगी, जिनमें इस बीमारी के गंभीर लक्षण होंगे. इसमें वयस्क और बच्चे दोनों शामिल हैं. हालांकि इस पर भी कई ट्रायल अभी चल रहे हैं.लेकिन अमेरिका में इसे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की ओर से मई की शुरुआत में ही कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन इशू हो गई थी.
इन दो एंटीवाइरल ड्रग्स के बाद बात करेंगे एक स्टीरोइड दवा 'डेक्सामीथसोने' की, ये भी कोविड के खिलाफ एक असरदार दवा होने के मुक़ाबले में एक एहम कन्टेंडर है. ये दवाएं शरीर में जाकर क्या करती है और एक दुसरे से कैसे अलग है, इस पर पॉडकास्ट में बता रहे हैं क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट, डॉ. सुमित रे.
Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices
view more