भारत और चीन का सरहदी विवाद इस वक्त पिछले कई दशकों के सबसे तल्ख मोड़ पर है. लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. पिछले करीब 45 साल में हुई सबसे बड़ी घटना के बाद पूरे देश में शोक और गुस्से का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को करारा जवाब देत हुए कहा है कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.
इस बीच पाकिस्तान की तरफ भी हरकत शुरु हुई है. पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुख्यालय में करीब दो साल बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने अहम बैठक की है। माना जा रहा है कि ये बैठक भारत को संदेश देने की कोशिश है.
यानी एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्तान. क्या भारत अपनी सरहद पर इन दो तरफ़ा चुनौतियों के लिए तैयार है? इसी पर आज तफ्सील से दो एक्सपर्ट्स से बात करेंगे। पॉडकास्ट में सुनिए चीनी स्टडीज के एक्सपर्ट और ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन के विशिष्ट फेलो मनोज जोशी, और साथ ही सुनिए चीन स्टडीज के एक्सपर्ट और तक्षशिला इंस्टीट्यूट के रिसर्चर मनोज केवलरामानी को.
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