कमजोर इंटरनेट,लैपटॉप की कमी, और ऐसे में सेमेस्टर एडमिशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म छात्र किस तरह भरे. लेकिन 15 मई तक हर हाल में भरे जाने वाले इस फॉर्म के अलावा भी कई चीजें हैं, जिन्होंने स्टूडेंट्स को परेशान कर दिया है. कई छात्र अब डरते हैं कि धीरे चलने वाला इंटरनेट, लैपटॉप की कमी और यूनिवर्सिटी का कमजोर सर्वर, उन्हें ऑनलाइन परीक्षा में बैठने से रोक सकता है. वहीं 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर 100 लोगों में से सिर्फ 38 लोगों ही के पास इंटरनेट कनेक्शन है. और इस 100 लोगों के सैंपल में 84 लोग शहरी क्षेत्र के थे और महज 16 लोग गांव से. साफ है कि शहरों के मुकाबले गांव इंटरनेट की पहुंच से काफी दूर है.
जब भारत में भारतीय छात्र पढाई लिखाई के लिए इंटरनेट की तरफ रुख करेंगे तो क्या इतना मज़बूत है?जवाब है नहीं। आज बिग स्टोरी में जानिए कि कैसे भारत का इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर अभी ऑनलाइन लर्निंग पर शिफ्ट होने के लिए तैयार नहीं है. कोरोना के समय में क्या हैं पढाई लिखाई से जुडी समस्याएं और क्या हो सकते हैं उनके समाधान, वो भी सुनिए आज पॉडकास्ट में.
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