दिल्ली हिंसा पर हाई कोर्ट में जो सुनवाई हुई उसमें दिल्ली पुलिस को फटकार लगी कि वो उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़कने से क्यों नहीं रोक पाई, हालात पेरकाबू क्यों नहीं कर पाई. पुलिस से ये भी कहा गया कि दिल्ली को दोबारा 1984 के दंगे जैसी स्थिति में नहीं धकेलने दिया जाना चाहिए, 1984 दोबारा न हो इसलिए पुलिस हर वो काम करे जिसकी ज़रुरत है और वो भी बिना किसी राजनैतिक हस्तक्षेप के. साथ ही भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर भी जवाब मांगा गया. पुलिस से सख्त लहजे में ये सब सवाल पूछने वाले थे जस्टिस मुरलीधर।
लेकिन सुनवाई जिस दिन हुई उसी रात को जस्टिस मुरलीधर का तबादला करने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी हो गया, जिस पर अब काफी विवाद हो रहा है? अब ऐसा क्या कहा जस्टिस मुरलीधर ने जिसकी वजह से उन्हें एक हीरो की तरह देखा जा रहा है. उनके तबादले पर विवाद क्यों है? और सबसे बड़ी बात - जस्टिस मुरलीधर आखिर हैं कौन ?
इस सब पर बात करेंगे क्विंट के लीगल एडिटर वकाशा सचदेव से आज बिग स्टोरी पॉडकास्ट में.
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