तीन ताल के दूसरे सीज़न के तीसरे एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप ‘सरदार' और आसिफ़ 'ख़ान' से सुनिए:
-माह-ए-आम में ताऊ को कौन से आम अब तक नसीब हुए?
-अल्फांसो क्यों आम नहीं? लंगड़ा आम देर से क्यों आता है? लंगड़े की दूसरी खेप!
-आम का नाम आम ही क्यों? सबसे सुंदर आम. आम चूस के खाना चाहिए या काट के?
-आम की चोपी के साथ किस तरह पेश आएं. आम को लेकर जब विवाद हो गया था!
-लंगड़े पर किस किसका क्लेम? इलाहाबाद पूर्वांचल का हिस्सा नहीं है?
-मलिहाबाद के आम. किशनभोग आम के साथ दिक्कत.
गुड़म्मा और रोटी.
-बालासोर रेल हादसे के बहाने लाशों की हैंडलिंग
पर बातचीत.
-नैतिक इस्तीफ़े के चोंचले. आलू पूरी जब आपकी जान बचा दे!
-अगुवानी घाट से ताऊ की यादें. नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट.
-नाव पर जब कार सवार होती थी. 100 रुपया का ठेका और 20 रुपये की सड़क.
-कालीन वाली सड़क के फ़ायदे. फ़ोल्डेबल सड़क का कॉन्सेप्ट.
-व्यक्ति के अधिकार होते हैं या समाज के? नागरिक की औकात.
-अ, ब, स की कुटाई का ज़माना. इस देश को क्या ले डूबेगा?
-पहली बिज़ार ख़बर में डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाली एक छात्रा की पीड़ा जिसकी मेहनत पर पानी नहीं चाय फिर गया.
-दूसरी बिज़ार ख़बर में नारियल पानी को ताज़ा रखने के लिए नाली के पानी का इस्तेमाल करने वाले भाई का स्वैग!
-अपनों से सावधान! दिशा की दशा. Neatly Neet का एग्जाम!
-इन्विजिलेटर की दिक्कत. चाय बनाम कॉफ़ी.
-बेस्ट चाय कहाँ की? ताऊ की कड़क चाय.
-पानी की धारा! भसभसा सेब. विष्णु चाय दुकान.
-गन्ने के रस में सांप. सत्तू, किसान और गमछा.
भुट्टे का कोयला.
-हॉलिडे होमवर्क की उपयोगिता. गर्मियों की छुट्टी में होमवर्क क्यों नहीं करना चाहिए. छुट्टी का सही मतलब.
-और आख़िर में प्रिय 'तीन तालियों' की चिट्ठियां.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेज़ी.
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