Arthashashtra Part 1 : साम, दाम, भेद, दंड से परे.
Real estate से लेकर business advice तक, कौटिल्य नीति को बिना सिर पैर उपयोग करने की होड़ लगी है आजकल | अर्थशास्त्र को ignore करना तो ग़लत है ही, पर उसे ग़लत समझना और भी हानिकारक है | तो कौटिल्य अर्थशास्त्र से जुड़ी कई ग़लतफ़हमियों को ठीक करने के लिए हमने की पुलियाबाज़ी कजरी कमल से जो कि ‘अर्थशास्त्र और Indian Strategic Culture’ पर PhD कर रही हैं हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से | कजरी तक्षशिला इंस्टीटूशन के Graduate certificate in Strategic Studies में ‘अर्थशास्त्र और भारतीय विदेश नीति’ course पढ़ाती है |
यह पुलियाबाज़ी दो भागों में है | पहले भाग में सुनिए चर्चा अर्थशास्त्र के उद्देश्य और मूलतत्वों पर | दुसरे एपिसोड में सुनिए कि चाणक्य विदेश नीति के बारे में क्या सिखाते है |
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