Raid के पीछे, एक टैक्स अफ़सर की ज़ुबानी. Story of Indian Taxation.
मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘नमक का दरोगा’ एक ईमानदार टैक्स इंस्पेक्टर के सामने आने वाली चुनौतियों की अमर दास्ताँ है | तो इस बार पुलियाबाज़ी में हमने समझना चाहा कि एक युवा सरकारी अफ़सर की ज़िन्दगी आख़िर कैसी होती है ? क्यों आज भी कुछ इंजीनियर और डॉक्टर सरकारी अफ़सर बनना पसंद करते है ?
यह सब बताया हमें सलिल बिजूर ने, जो आयकर विभाग के इन्वेस्टीगेशन विंग में डिप्टी डायरेक्टर है | इस पुलियाबाज़ी में उन्होंने बताया कि लोग टैक्स बचाने के लिए क्या-क्या नायाब तरीक़े अपनाते है | उन्होंने टैक्स व्यवस्था में सुधार करने के भी कुछ सुझाव दिए |
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