कोविड-19 पॉडकास्ट. इस सिरीज के तहत हम देश और दुनिया के अलहदा मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित होने वाली कोरोना से संबंधित लेख और रिपोर्ट्स को हिंदी पॉडकास्ट की शक्ल में आपके सामने रखेंगे. यह मूल लेख का अविकल अनुवाद नहीं बल्कि भावार्थ है.पहले पॉडकास्ट में हम न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे डेविड काट्ज़ के लेख को प्रस्तुत कर रहे हैं. इसका हिंदी में अनुवाद बीबीसी डिजिटल के संपादक राजेश प्रियदर्शी ने किया है. इस लेख में येल-ग्रिफिन प्रिवेंशन रीसर्च सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष डेविड काट्ज़ कोरोना के संकट से निपटने की सरकारी नीति के बारे में एक समग्र योजना का खाका पेश करते हैं.डेविड कहते हैं, “कोरोना की वजह से बहुत कम बच्चों की मौत हुई है, ऐसी हालत में हम कह सकते हैं कि 60 से ऊपर के लोगों, और जिन्हें कोई बीमारी है उन्हें पूरी तरह आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए, उनका ख़ास ख्याल रखके वायरस से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है.मुझे डर है कि हमारी कोशिशों का बहुत सीमित असर होगा, इसकी वजह ये है कि हमारे पास सीमित संसाधन हैं, एक बिखरा हुआ-सा और हमेशा से उपेक्षा का शिकार एक मेडिकल सिस्टम है. इन सीमित साधनों को इतने व्यापक तौर पर फैलाकर, सतही ढंग से कोशिश करना असफल होने की ही रेसिपी है.”पूरा पॉडकास्ट हमें कोरोना से बचने और सरकारों को इससे निपटने का एक नज़रिया देता है.
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