तीन ताल के इस एपिसोड में कमलेश ताऊ, पाणिनि बाबा और कुलदीप सरदार से सुनिए:
क्यों हमें पॉडकास्ट सुनना चाहिये? पॉडकास्ट से दिमाग की कसरत कैसे होती है और क्यों ये टीवी से बेहतर है.
कोरोना वैक्सीन की प्राइसिंग के कनफ़्यूजन पर बात. क्यों सरकार को वैक्सीन बनाने वालों की बाँह मरोड़नी चाहिए थी?
इस मुश्किल समय में मदद करने वालों को समर्पित एक कविता.
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना पर जो सम्बोधन दिया, उसका हासिल. एक भाषण क्या बदल सकता था?
शराब के ठेके पर कतार में खड़ी एक अधेड़ महिला को देख क्यों कुछ लोग हंसते हैं और कुछ की भौहें तन जाती हैं?
साक़ी कौन है जो सिर्फ़ पिलाती है, कभी साथ बैठकर पीती नहीं? क्यों पीने का शऊर सिर्फ़ फ़क़ीरों को आता है?
'‘साड्डा जीवन, उच्च बिज़ार’ में कोरोना के दौर के चोरों पर बात. चोर जो पीपीई किट पहनकर आए और चोर जो वैक्सीन लौटा गया. इन चोरों से सरकारें क्या सीख सकती हैं?
एक और बिज़ार ख़बर, जब शहर के नाम से कन्फ्यूज हुआ फेसबुक और गाली समझकर उसका पेज हटा दिया. इसी बहाने भारत में अजीब नामों वाली जगहें और कैसे पड़ा उनका नाम?
मलयाली फ़िल्म ‘द ग्रेट इंडियन किचन’ के रसोई के दृश्यों में छिपी पितृसत्तात्मक व्यवस्था की कहानी और क्यों बॉलीवुड को मलयाली सिनेमा से सीखने की ज़रूरत?
न्योता वाले श्रोता के हिस्से में बिहार के छपरा से आये सनी कुमार की भावुक की चिट्ठी.
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