तीन ताल के 38वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए:
- बेबाक बुधवार के बहाने जम्मू कश्मीर की नून चाय और चीनी की कमी पर बात. चीनी जब राशन की दुकानों पर मिला करती थी.
- वेब सीरीज़ 'रे' की चार कहानियों में से कौन सी देखने लायक है? 'हंगामा क्यों है बरपा' में मनोज बाजपेयी क्यों ग़ज़ल गायक नहीं लगे.
- ताऊ, बाबा और सरदार की पहली चोरी के क़िस्से. कैसे एक चुंबक से पकड़ी गई ताऊ की चोरी और आम चुराने में उनके लिए ब्लेड का क्या उपयोग था?
- पाणिनि बाबा बचपन में क्या चुराते रहे, जो उन्होंने अब तक नहीं छोड़ा. ब्योरा ऐसा है कि सबका चोरी करने का मन हो जाए. मौर्या जी के खेत से खीरा और ककड़ी चुराने का क़िस्सा.
- कुछ चीज़ें जिनकी बनावट ही ऐसी है कि ख़रीदने जाएं और दाम पूछते पूछते थोड़ी सी दबा लें- मटर, मूंगफली, गुड़, अंगूर.
- क़िस्सा जब जेएनयू में पकड़ा गया चोर और बुलाई गई जनरल बॉडी मीटिंग.
- ऑफिस में काम के दौरान मीम और नेटफ्लिक्स देखने में क्या समस्या है? ताऊ की फेसबुक और इंस्टाग्राम से क्यों नहीं बनी और ट्विटर से दोस्ती क्यों हो गई.
- नींद पर बात. ताऊ को दिन में सोने से नफ़रत क्यों हो गई थी और क्यों उनके सपनों पर एक वेब सीरीज़ बन सकती है?
- बुरे दिनों में सरदार ने नींद को कैसे बुलाया? और बाबा ने बताया जगने और उठने का फर्क. हरियाणा रोडवेज़ के ड्राइवर ने अपनी नींद का क़िस्सा सुनाया तो बाबा के क़दमों तले ज़मीन खिसक गई.
- 'शादीराम घरजोड़ा' वाले किरदारों के क़िस्से. शादियों में बिचौलियों को क्या क्या संभालना पड़ता है और बारातियों की पिटाई की ख़बर सुनकर बुरा क्यों नहीं लगता.
- न्योता वाले श्रोता में यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ बिहार के बक्सर से आई एक चिट्ठी, जिन्हें तीन ताल का सुनना ऐसा लगता है जैसे गंगा की धार से पोखर भर गया हो.
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