तीन ताल के 41वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि 'बाबा' और कुलदीप 'सरदार' से सुनिए :
- ताऊ का तीन ताल में वापसी और उनकी गैरमौजूदगी पर आई एक चिट्ठी.
- बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन के बहाने सत्ता और ब्राह्मण के रिश्तों पर बात. ताऊ ने क्यों कहा कि ब्राह्मणों को हाँकना मुश्किल और बाबा ने किस वजह से ब्राह्मणों को 'चींटा' कहा?
- पेगासस जासूसी मामले को ताऊ पैसे की बर्बादी क्यों मानते हैं. बाबा को क्यों लगता है कि सामान्य मानविकी की जासूसी करने की ज़रूरत.
- हमारी डेली लाइफ़ में जासूसी किस तरह पसरी हुई है, रिश्तेदार, पड़ोसी और खानदान की जासूसी.
- दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में 'तारीख पर तारीख' चिल्लाते हुए एक व्यक्ति ने की तोड़फोड़. इस बहाने फिल्मों में अदालतों के चित्रण पर बात जो असल तस्वीर से बिल्कुल अलग है. कचहरी से बाबा के मीठे और ताऊ के खट्टे अनुभल
- अल्बर्ट पिंटो और पाणिनि बाबा को ग़ुस्सा क्यों आता है? क्या ग़ुस्से की जीवन में कोई उपयोगिता हो सकती है? एक ग़ुस्साविहीन समाज की कल्पना.
- बात अफग़ानी समाज की. वहाँ के रहन सहन, खान पान, परिधान की. अफ़ग़ानी मेवे, अनार, रोटी, तन्दूर से लेकर खरबूजे की बात.
- अफग़ानिस्तान के जीवट तेवर का ज़िक्र, जिसने तीन महाशक्तियों को परास्त कर दिया. बाबा ने क्यों कहा कि उनके पास अफगानिस्तान का परमानेंट पासपोर्ट होना चाहिए?
- 'न्योता वाले श्रोता' में उत्तर प्रदेश के बलिया से आई चिट्ठी जिसमें शिकायत, प्रेम और धमकी का अद्भुत मिश्रण था.
प्रड्यूसर: शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी
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